बुधवार, 23 जून 2021

who are aghori's?

अघोरी साधु शमशान के सन्नाटे में जाकर अघोर क्रियाओं को अंजाम देते हैं। अघोरी साधु और कई रहस्यमई साधनाएं करते हैं। लेकिन वास्तविकता में देखा जाए तो अघोर साधना कोई डरावनी साधना नहीं इनका स्वरूप ही डरावना लगता है।

क्या है अघोर का अर्थ? 

अघोर शब्द का अर्थ है अ+घोर यानी कि जो घोर नही हो, डरावना नही हो, जो सरल हो और बिना भेदभाव रहित हो।


क्या है अघोर पंथ?

अघोर पंथ साधना की एक रहस्यमई शाख है। अघोर पंथ का अपना विधान है अपनी विधि है और अपना एक अलग ही अंदाज है जीवन जीने का। जो अघोर पंथ के साधक है वहीं अघोरी साधु कहलाते हैं। अघोर पंथ परंपरा में खाने-पीने कि किसी भी वस्तु में कोई परहेज नहीं होता है कोई नियम विधान नहीं होता है। कहा जाता है कि अघोरी साधु गाय के मांस को छोड़कर सभी वस्तुओं का भक्षण सहजता से करते हैं। अघोर साधना में श्मशान साधना का विशेष महत्व माना जाता है, इसीलिए अघोरी साधु शमशान वास करना अत्यधिक पसंद करते हैं।

क्या करते हैं अघोरी साधु?

अघोर साधना में किसी भी व्यक्ति जीव या जंतु से किसी प्रकार की कोई घृणा नहीं होती है। कहा जाता है अघोरी साधु नर मुंडो की माला पहनते हैं, नर मुंडो को पात्र अर्थात बर्तनों के तौर पर काम में लेते हैं। चिता की भस्म का शरीर पर लेपन तथा जलती चिता पर भोजन पकाना इत्यादि कार्य इनके लिए सामान्य है। अघोरियों के लिए किसी भी स्थान में कोई भेद नहीं है अर्थात महल व शमशान अघोरियों के लिए दोनों एक समान ही है।


अघोर पंथ की कितनी शाखाएं होती है?

अघोरपंथ की तीन शाखाएं प्रसिद्ध हैं - औघड़, सर, घुरे।

अघोरी कौन हैं?  क्या आपने उनके बारे में सुना है?  भारत में होने के कारण, हम संयोग से उन को किसी जंगल पहाड़ या फिर कुम्भ मेले आदि में उनसे मिलते हैं लेकिन हम कितनी बार यह जानने का प्रयास करते हैं कि वे वास्तव में कौन हैं?
अघोरी एक परम्परागत साधु संघ से संबंधित साधु हैं जो भगवान शिव के उपासक हैं।  जबकि कुछ का मानना ​​है कि उनके पास दैवीय शक्तियां हैं और दूसरों को लगता है कि वे काले जादू वाले साधु हैं जो लोगों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। लेकिन निस्संदेह उनका एक रहस्यमय व्यक्तित्व है ओर बहुत कम लोग अघोरी साधुओ के बारे में जानते हैं।

आइए अघोरी साधुओ के बारे में कुछ तथ्यों पर एक नज़र डालें।

घोर का मतलब डरावना होता है।  अघोर का अर्थ है सुंदर।
शिव की शिक्षा या परमात्मा का संदेश सुंदर है, तो शिव निश्चित रूप से सुंदर या अघोरी हैं।


1. नग्न सत्य को स्वीकार करना

 अघोरियों को ज्यादातर नग्न और अपने शरीर को स्वीकार करते हुए देखा जाता है।  आप अघोरी को लाशों से राख में ढके पूरी तरह से नग्न शरीर में देख सकते हैं।  यह निश्चित रूप से कुछ लोगों को डराता है जबकि कुछ लोगों को यह आकर्षक लगता है।



 2. बाल नही कटवाना

 अघोरियों ने अपने बालों को लंबा होने दिया और बाल कटवाने में विश्वास नहीं किया।  आखिरकार, हम इसी तरह पैदा हुए थे और अपने प्राकृतिक स्व को स्वीकार करने का इससे बेहतर तरीका और क्या हो सकता है।  आपने अघोरी को छोटे, छंटे हुए बालों में कभी नहीं देखा होगा।



 3. शिव ही सब कुछ है

 अघोरी भगवान शिव की भक्ति में डूब जाते हैं।  उनका मानना ​​​​है कि भगवान शिव हर चीज का उत्तर हैं क्योंकि वे सर्वव्यापी और निरपेक्ष हैं।  वे तपस्या करते हैं, जो तीन प्रकार की होती है जिन्हें शिव साधना, शव साधना और स्मशान साधना कहा जाता है।  कुछ लोग यह भी मानते हैं कि वे भगवान शिव के अवतार हैं।




 4. किसी मे कोई भेदभाव नहीं करना

 ये साधु श्मशान घाट में जानवरों के साथ अपना भोजन साझा करते हैं।  गाय हो या कुत्ता, उनके लिए हर जिंदगी एक जैसी होती है।  और उनका मानना ​​है कि जो व्यक्ति नफरत करता है वह वास्तव में ध्यान नहीं कर सकता।  इसलिए, साधुओं के ध्यान करने के लिए घृणा मुक्त जीवन जीना महत्वपूर्ण है।



 5. अघोरी ओर उनकी आयु

 कहा जाता है कि बाकी अघोरियों के लिए आधार स्थापित करने वाले पहले अघोरी किना राम 150 साल तक जीवित रहे और उनकी मृत्यु 18 वीं शताब्दी के अंत में हुई।



 6. उत्तरजीविता तथ्य

 ये साधु सबसे कठिन और चरम मौसम की स्थिति में जीवित रहते हैं।  वे सबसे डरावने जंगलों और बर्फ से ढके पहाड़ों में रहने के लिए जाने जाते हैं।  वे गर्म रेगिस्तान में भी पाए जाते हैं, जहां एक सामान्य इंसान अच्छी तरह से जीवित नहीं रहता है।



 7. पर्यावरण की एकता

 अघोरियों का मानना ​​है कि हर किसी में अघोरी होती है।  उनका मानना ​​​​है कि जब बच्चा पैदा होता है तो वह मल, खिलौने और कचरे के बीच अंतर नहीं करता है।  लेकिन बच्चे को बाद में सिखाया जाता है कि समाज के अनुसार क्या अच्छा है और क्या बुरा और इसी तरह वह भेदभाव करने लगता है।



 8. काले जादू के बारे में तथ्य

 अघोरी काला जादू करने के लिए जाने जाते हैं लेकिन किसी को या किसी चीज को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं, लेकिन उनका कहना है कि यह उन्हें ठीक करता है और मृतकों से बात करने की उनकी अलौकिक शक्तियों को बढ़ाता है।  वे बहुत सारे अनुष्ठान करते हैं, जो एक आम आदमी की नजर में काला जादू करने के लिए अजीब है।

अघोर परम्परा के बारे में साधारण तरीके से बताने का प्रयत्न किया है। हमारा उद्देश्य किसी की भावना या परम्परा को तोड़मरोड़कर पेश करना नही है। अगर पोस्ट में कुछ गलत लगे तो हम माफी चाहते हैं, कृपया गलती को कमेंट कर के बताने का कष्ट करें।।

।। जय शिव शम्भु ।। 
|| जय सनातन धर्म की || 🕉️🚩

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