गुरुवार, 10 जून 2021

lord Shiva's most powerful mantra part 1

भगवान शिव बहुत ही शीघ्र प्रसन्न होने वाले ओर साधारण तरीके से भी की गई पूजा पर अपने भक्तों को अभयदान देने वाले भोलेनाथ है।

भगवान शिव की की स्तुति के लिए प्रस्तुत है भगवान शिव के कुछ त्वरित फलदायी मन्त्र 

1.
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मन्त्रो न तीर्थं न वेदो न यज्ञः |
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥

Na punyam na papam, na sokhyam, na dukham, na mantro, na tirtham, na vedo, na yagyah |

aham bhojanam, neva bhojyam, na bhokta chidanand rupah shivoham shivoham ||

हिंदी अर्थ : - न मैं पुण्य हूँ , न पाप , न सुख और न दुःख , न मन्त्र , न तीर्थ , न वेद और न यज्ञ , मैं न भोजन हूँ , न खाया जाने वाला हूँ और न खाने वाला हूँ , मैं चैतन्य रूप हूँ , आनंद हूँ , शिव हूँ , शिव हूँ ।।

English translation : - I am not virtuous , neither sin , nor happiness nor sorrow , nor mantra , nor pilgrimage , nor , , Vedas nor yajna , I am neither food , nor will I eat , nor am , I , , I to eat , I am conscious form , am bliss , I am Shiva , I am Shiva.


2.

करचरण कृतं वा क्कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम् ।
विहितम विहितं वा सर्वमे तत्क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥

Karacharana kritam Vaa kkaayajam Karmajam Vaa , , Shravananayanajam Vaa Maanasam Vaaparaadham , , Vihitamavihitam Vaa Sarvametatkshamasva , Jaya Jaya Karunaabdhe Shri Mahaadeva Shambho

हिंदी अर्थ : - हे भगवान शिव , कृपया मेरे हस्त , चरण , वाणी , शरीर या अन्य किसी भी शरीरके कर्म करने वाले अंग से या कान , नेत्र या मन से हुए सभी अपराधको क्षमा करें । हे महादेव , शम्भो ! आपके करुणाके सागर हैं , आपकी जय हो।।

English Translation : - Lord Shiva , please forgive all the crimes committed by my hand , feet , speech , body or any other body - doing body or by ear , eye or mind . O - Mahadev , Shambho ! Your compassion is the ocean , hail you.


3. 
“ प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् । खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् '।।

Praatah Smaraami Bhava - Bhiiti - Haram Suresham - - Ganggaa - Dharam Vrssabha - Vaahanam - Ambikesham |
Khattvaangga - Shuula - Varada - Abhaya - Hastam - lisham - - Samsaara - Roga - Haram - Aussadham - Advitiiyam ||

हिंदी अर्थ : - संसार के भय को नष्ट करने वाले , देवेश , गङ्गाधर , वृषभवाहन , पार्वतीपति , हाथमें खट्वाङ्ग एवं त्रिशूल लिये और संसाररूपी रोग का नाश करने के लिये अद्वितीय औषध - स्वरूप , अभय एवं वरद मुद्रायुक्त हस्त वाले भगवान् शिव का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ ।।

English translation : - God Shiva , the one who destroys the fear of the world , Devesh , Gangadhar , Vrishabavahan , Parvatipati , having Khatwang and Trishul in his hand and Unique form of medicine to eradicate worldly diseases , Abhay and Varad Stamped , hand The ones I remember in the morning.

4.
श्वेतदेहाय रुद्राय श्वेतगंगाधराय च ।
श्वेतभस्माङ्गरागाय श्वेतस्वरूपिणे नमः ।।

shvet dehay rudray shvet gangadharay cha shvet bhasmanga ragaya shvet svrupine namah

हिन्दी अर्थ : - श्वेत देह वाले , श्वेत गंगा को मस्तक पर धारण करने वाले , श्वेत भस्म को शरीर पर धारण करने वाले , श्वेत स्वरूप भगवान् शिव को नमन करता हूँ

English translation : - Those with white bodies , who wear the white Ganges on the forehead , those who wear the white ash on the body , bow to the white form , Lord Shiva

5.
मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वेन च घ्रणनेत्रे । न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ११ Mano buddhi ahankara chittani naham Na cha shrotravjihve na cha ghraana netre Na cha vyoma bhumir na tejo na vayuhu Chidananda rupah shivo'ham shivo'ham

हिंदी अर्थ : - मैं न तो मन हूं , न बुद्धि , न अहंकार , न ही चित्त हूं , मैं न तो कान हूं , न जीभ , न नासिका , न ही नेत्र हूं , मैं न तो आकाश हूं , न धरती , न अग्नि , न ही वायु हूं , मैं तो शुद्ध चेतना हूं , अनादि , अनंत शिव हूं ।

English translation : - I am not mind , nor intellect , nor I , ego , nor the reflections of the inner self . I am not the five senses . I am beyond that . I am not the ether , nor the earth , nor the fire , nor the wind ( i.e. the five elements ) . I. am indeed , That eternal knowing and bliss , Shiva , love and pure consciousness .


6. शिव नमस्कार मन्त्र

न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् । जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥

Na Jaanaami Yogam Japam Naiva Puujaam Natoham Sadaa Sarvadaa Shambhu - Tubhyam | Jaraa Janma Duhkhau gha Taatapyamaanam Prabho Paahi Aapanna Maam lisha Shambho ||

हिन्दी अर्थ : - मैं न तो जप जानता हूँ , न तप और न ही पूजा । हे शम्भो ( शिव ) , मैं तो सदा सर्वदा आपको ही नमन करता हूँ । हे प्रभो ! बुढ़ापा तथा जन्म के दु : ख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दु : खों से रक्षा कीजिए । हे शम्भो , मैं आपको नमस्कार करता हूं ।

English translation : - I do Not Knowhow to perform Yoga , Japa or Puja . I Always at All Times only Bow down to You , O Shambhu ( Shiva ) , Please Protect me from the Sorrows of Birth and Old Age , as well as from the Sins which lead to Sufferings , , Please Protect me O Lord from Afflictions ; Protect me ; O My Lord Shambhu .


6. शिव नमस्कार श्लोक

मंदाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय नन्दीश्वर प्रमथ नाथ महेश्वराय । मन्दार पुष्प बहुपुष्प सु पूजिताय तस्मै मकाराय नमः शिवाय ॥

mandakini salila chandana charchitaya nandisvara pramathanatha mahesvaraya mandara pushpa bahupushpa supujitaya tasmai ma karaya namah shivaya.

हिन्दी अर्थ : - जो शिव आकाशगामिनी मन्दाकिनी के पवित्र जल से संयुक्त तथा चन्दन से सुशोभित हैं , और नन्दीश्वर तथा प्रमथनाथ आदि गण विशेषों एवं षट् सम्पत्तियों से ऐश्वर्यशाली हैं , जो मन्दार - पारिजात आदि अनेक पवित्र पुष्पों द्वारा पूजित हैं ; ऐसे उस मकार स्वरूप शिव को मैं नमस्कार करता हूँ ।

English translation : - I bow to Lord Mahesvara , who is I , embodied as Makaara ( letter Ma ) , whose body is ) anointed with holy waters from the river Ganges and sandal paste , who is the sovereign king of the Pramatha Ganas and who is adorned with innumerable divine flowers such as Mandara .

7.
ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम् । पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैव्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववन्द्यं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम् ॥

Dhyaye nnityam mahesham rajata Girinibham charuchandravatansam Ratna kalpo jjvalangam parasu Mragavara bhitihastam prasannam I Padma sinam samantat stuta Mamara ganair vyaghrakrttim vasanam Visvadyam visvabijam nikhila Bhayaharam pancavaktram trinetram ||

हिन्दी अर्थ : - चाँदी के पर्वत के समान जिनकी श्वेत चमक है , जो सुन्दर चन्द्रमा को आभूषण के रूप में धारण करते हैं , रत्नमय अलङ्कारों से जिनका शरीर उज्ज्वल है , जिनके हाथों में परशु , मृग , वर और अभय मुद्रा है , जो प्रसन्न है , कमल के फूल के आसन पर विराजमान है , देवतागण जिनके चारों ओर खड़े होकर स्तुति करते हैं , जो बाघ की खाल पहनते हैं , जो विश्वके आदि जगत्की उत्पत्ति के बीज और समस्त भय को हरनेवाले हैं , जिनके पाँच मुख और तीन नेत्र हैं , उन महेश्वरका प्रतिदिन ध्यान करे।।

English translation : - Like a silver mountain , which has white glow . Those who wear the beautifull moon as ornaments , Whose body is bright with Gemstone decking , Whose hands are the Halberd , antelope , var , and abhaya mudra , he who is happy , Sitting on a lotus flower mat , Gods around whom they stand and praise , Those who wear tiger skin , is the originator of the universe and annihilates all fears , Those who have five faces and three eyes , We meditate on Such Maheshwar daily .

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