भगवान शिव की की स्तुति के लिए प्रस्तुत है भगवान शिव के कुछ त्वरित फलदायी मन्त्र
1.
न पुण्यं न पापं न सौख्यं न दुःखं न मन्त्रो न तीर्थं न वेदो न यज्ञः |
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥
Na punyam na papam, na sokhyam, na dukham, na mantro, na tirtham, na vedo, na yagyah |
aham bhojanam, neva bhojyam, na bhokta chidanand rupah shivoham shivoham ||
हिंदी अर्थ : - न मैं पुण्य हूँ , न पाप , न सुख और न दुःख , न मन्त्र , न तीर्थ , न वेद और न यज्ञ , मैं न भोजन हूँ , न खाया जाने वाला हूँ और न खाने वाला हूँ , मैं चैतन्य रूप हूँ , आनंद हूँ , शिव हूँ , शिव हूँ ।।
English translation : - I am not virtuous , neither sin , nor happiness nor sorrow , nor mantra , nor pilgrimage , nor , , Vedas nor yajna , I am neither food , nor will I eat , nor am , I , , I to eat , I am conscious form , am bliss , I am Shiva , I am Shiva.
2.
अहं भोजनं नैव भोज्यं न भोक्ता चिदानन्द रूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥
Na punyam na papam, na sokhyam, na dukham, na mantro, na tirtham, na vedo, na yagyah |
aham bhojanam, neva bhojyam, na bhokta chidanand rupah shivoham shivoham ||
हिंदी अर्थ : - न मैं पुण्य हूँ , न पाप , न सुख और न दुःख , न मन्त्र , न तीर्थ , न वेद और न यज्ञ , मैं न भोजन हूँ , न खाया जाने वाला हूँ और न खाने वाला हूँ , मैं चैतन्य रूप हूँ , आनंद हूँ , शिव हूँ , शिव हूँ ।।
English translation : - I am not virtuous , neither sin , nor happiness nor sorrow , nor mantra , nor pilgrimage , nor , , Vedas nor yajna , I am neither food , nor will I eat , nor am , I , , I to eat , I am conscious form , am bliss , I am Shiva , I am Shiva.
2.
करचरण कृतं वा क्कायजं कर्मजं वा श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधम् ।
विहितम विहितं वा सर्वमे तत्क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
Karacharana kritam Vaa kkaayajam Karmajam Vaa , , Shravananayanajam Vaa Maanasam Vaaparaadham , , Vihitamavihitam Vaa Sarvametatkshamasva , Jaya Jaya Karunaabdhe Shri Mahaadeva Shambho
हिंदी अर्थ : - हे भगवान शिव , कृपया मेरे हस्त , चरण , वाणी , शरीर या अन्य किसी भी शरीरके कर्म करने वाले अंग से या कान , नेत्र या मन से हुए सभी अपराधको क्षमा करें । हे महादेव , शम्भो ! आपके करुणाके सागर हैं , आपकी जय हो।।
English Translation : - Lord Shiva , please forgive all the crimes committed by my hand , feet , speech , body or any other body - doing body or by ear , eye or mind . O - Mahadev , Shambho ! Your compassion is the ocean , hail you.
3.
shvet dehay rudray shvet gangadharay cha shvet bhasmanga ragaya shvet svrupine namah
हिन्दी अर्थ : - श्वेत देह वाले , श्वेत गंगा को मस्तक पर धारण करने वाले , श्वेत भस्म को शरीर पर धारण करने वाले , श्वेत स्वरूप भगवान् शिव को नमन करता हूँ
English translation : - Those with white bodies , who wear the white Ganges on the forehead , those who wear the white ash on the body , bow to the white form , Lord Shiva
5.
विहितम विहितं वा सर्वमे तत्क्षमस्व जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
Karacharana kritam Vaa kkaayajam Karmajam Vaa , , Shravananayanajam Vaa Maanasam Vaaparaadham , , Vihitamavihitam Vaa Sarvametatkshamasva , Jaya Jaya Karunaabdhe Shri Mahaadeva Shambho
हिंदी अर्थ : - हे भगवान शिव , कृपया मेरे हस्त , चरण , वाणी , शरीर या अन्य किसी भी शरीरके कर्म करने वाले अंग से या कान , नेत्र या मन से हुए सभी अपराधको क्षमा करें । हे महादेव , शम्भो ! आपके करुणाके सागर हैं , आपकी जय हो।।
English Translation : - Lord Shiva , please forgive all the crimes committed by my hand , feet , speech , body or any other body - doing body or by ear , eye or mind . O - Mahadev , Shambho ! Your compassion is the ocean , hail you.
3.
“ प्रातः स्मरामि भवभीतिहरं सुरेशं गङ्गाधरं वृषभवाहनमम्बिकेशम् । खट्वाङ्गशूलवरदाभयहस्तमीशं संसाररोगहरमौषधमद्वितीयम् '।।
Praatah Smaraami Bhava - Bhiiti - Haram Suresham - - Ganggaa - Dharam Vrssabha - Vaahanam - Ambikesham |
Khattvaangga - Shuula - Varada - Abhaya - Hastam - lisham - - Samsaara - Roga - Haram - Aussadham - Advitiiyam ||
हिंदी अर्थ : - संसार के भय को नष्ट करने वाले , देवेश , गङ्गाधर , वृषभवाहन , पार्वतीपति , हाथमें खट्वाङ्ग एवं त्रिशूल लिये और संसाररूपी रोग का नाश करने के लिये अद्वितीय औषध - स्वरूप , अभय एवं वरद मुद्रायुक्त हस्त वाले भगवान् शिव का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ ।।
English translation : - God Shiva , the one who destroys the fear of the world , Devesh , Gangadhar , Vrishabavahan , Parvatipati , having Khatwang and Trishul in his hand and Unique form of medicine to eradicate worldly diseases , Abhay and Varad Stamped , hand The ones I remember in the morning.
Praatah Smaraami Bhava - Bhiiti - Haram Suresham - - Ganggaa - Dharam Vrssabha - Vaahanam - Ambikesham |
Khattvaangga - Shuula - Varada - Abhaya - Hastam - lisham - - Samsaara - Roga - Haram - Aussadham - Advitiiyam ||
हिंदी अर्थ : - संसार के भय को नष्ट करने वाले , देवेश , गङ्गाधर , वृषभवाहन , पार्वतीपति , हाथमें खट्वाङ्ग एवं त्रिशूल लिये और संसाररूपी रोग का नाश करने के लिये अद्वितीय औषध - स्वरूप , अभय एवं वरद मुद्रायुक्त हस्त वाले भगवान् शिव का मैं प्रातःकाल स्मरण करता हूँ ।।
English translation : - God Shiva , the one who destroys the fear of the world , Devesh , Gangadhar , Vrishabavahan , Parvatipati , having Khatwang and Trishul in his hand and Unique form of medicine to eradicate worldly diseases , Abhay and Varad Stamped , hand The ones I remember in the morning.
4.
श्वेतदेहाय रुद्राय श्वेतगंगाधराय च ।
श्वेतभस्माङ्गरागाय श्वेतस्वरूपिणे नमः ।।
श्वेतदेहाय रुद्राय श्वेतगंगाधराय च ।
श्वेतभस्माङ्गरागाय श्वेतस्वरूपिणे नमः ।।
shvet dehay rudray shvet gangadharay cha shvet bhasmanga ragaya shvet svrupine namah
हिन्दी अर्थ : - श्वेत देह वाले , श्वेत गंगा को मस्तक पर धारण करने वाले , श्वेत भस्म को शरीर पर धारण करने वाले , श्वेत स्वरूप भगवान् शिव को नमन करता हूँ
English translation : - Those with white bodies , who wear the white Ganges on the forehead , those who wear the white ash on the body , bow to the white form , Lord Shiva
5.
मनोबुद्ध्यहङ्कारचित्तानि नाहं न च श्रोत्रजिह्वेन च घ्रणनेत्रे । न च व्योम भूमिर्न तेजो न वायुश्चिदानन्दरूपः शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥ ११ Mano buddhi ahankara chittani naham Na cha shrotravjihve na cha ghraana netre Na cha vyoma bhumir na tejo na vayuhu Chidananda rupah shivo'ham shivo'ham
हिंदी अर्थ : - मैं न तो मन हूं , न बुद्धि , न अहंकार , न ही चित्त हूं , मैं न तो कान हूं , न जीभ , न नासिका , न ही नेत्र हूं , मैं न तो आकाश हूं , न धरती , न अग्नि , न ही वायु हूं , मैं तो शुद्ध चेतना हूं , अनादि , अनंत शिव हूं ।
English translation : - I am not mind , nor intellect , nor I , ego , nor the reflections of the inner self . I am not the five senses . I am beyond that . I am not the ether , nor the earth , nor the fire , nor the wind ( i.e. the five elements ) . I. am indeed , That eternal knowing and bliss , Shiva , love and pure consciousness .
6. शिव नमस्कार मन्त्र
6. शिव नमस्कार मन्त्र
न जानामि योगं जपं नैव पूजां नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् । जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ॥
Na Jaanaami Yogam Japam Naiva Puujaam Natoham Sadaa Sarvadaa Shambhu - Tubhyam | Jaraa Janma Duhkhau gha Taatapyamaanam Prabho Paahi Aapanna Maam lisha Shambho ||
हिन्दी अर्थ : - मैं न तो जप जानता हूँ , न तप और न ही पूजा । हे शम्भो ( शिव ) , मैं तो सदा सर्वदा आपको ही नमन करता हूँ । हे प्रभो ! बुढ़ापा तथा जन्म के दु : ख समूहों से जलते हुए मुझ दुखी की दु : खों से रक्षा कीजिए । हे शम्भो , मैं आपको नमस्कार करता हूं ।
English translation : - I do Not Knowhow to perform Yoga , Japa or Puja . I Always at All Times only Bow down to You , O Shambhu ( Shiva ) , Please Protect me from the Sorrows of Birth and Old Age , as well as from the Sins which lead to Sufferings , , Please Protect me O Lord from Afflictions ; Protect me ; O My Lord Shambhu .
6. शिव नमस्कार श्लोक
6. शिव नमस्कार श्लोक
मंदाकिनी सलिल चन्दन चर्चिताय नन्दीश्वर प्रमथ नाथ महेश्वराय । मन्दार पुष्प बहुपुष्प सु पूजिताय तस्मै मकाराय नमः शिवाय ॥
mandakini salila chandana charchitaya nandisvara pramathanatha mahesvaraya mandara pushpa bahupushpa supujitaya tasmai ma karaya namah shivaya.
हिन्दी अर्थ : - जो शिव आकाशगामिनी मन्दाकिनी के पवित्र जल से संयुक्त तथा चन्दन से सुशोभित हैं , और नन्दीश्वर तथा प्रमथनाथ आदि गण विशेषों एवं षट् सम्पत्तियों से ऐश्वर्यशाली हैं , जो मन्दार - पारिजात आदि अनेक पवित्र पुष्पों द्वारा पूजित हैं ; ऐसे उस मकार स्वरूप शिव को मैं नमस्कार करता हूँ ।
English translation : - I bow to Lord Mahesvara , who is I , embodied as Makaara ( letter Ma ) , whose body is ) anointed with holy waters from the river Ganges and sandal paste , who is the sovereign king of the Pramatha Ganas and who is adorned with innumerable divine flowers such as Mandara .
7.
ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम् । पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैव्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववन्द्यं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम् ॥
7.
ध्यायेन्नित्यं महेशं रजतगिरिनिभं चारुचन्द्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलाङ्गं परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम् । पद्मासीनं समन्तात् स्तुतममरगणैव्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववन्द्यं निखिलभयहरं पञ्चवक्त्रं त्रिनेत्रम् ॥
Dhyaye nnityam mahesham rajata Girinibham charuchandravatansam Ratna kalpo jjvalangam parasu Mragavara bhitihastam prasannam I Padma sinam samantat stuta Mamara ganair vyaghrakrttim vasanam Visvadyam visvabijam nikhila Bhayaharam pancavaktram trinetram ||
हिन्दी अर्थ : - चाँदी के पर्वत के समान जिनकी श्वेत चमक है , जो सुन्दर चन्द्रमा को आभूषण के रूप में धारण करते हैं , रत्नमय अलङ्कारों से जिनका शरीर उज्ज्वल है , जिनके हाथों में परशु , मृग , वर और अभय मुद्रा है , जो प्रसन्न है , कमल के फूल के आसन पर विराजमान है , देवतागण जिनके चारों ओर खड़े होकर स्तुति करते हैं , जो बाघ की खाल पहनते हैं , जो विश्वके आदि जगत्की उत्पत्ति के बीज और समस्त भय को हरनेवाले हैं , जिनके पाँच मुख और तीन नेत्र हैं , उन महेश्वरका प्रतिदिन ध्यान करे।।
English translation : - Like a silver mountain , which has white glow . Those who wear the beautifull moon as ornaments , Whose body is bright with Gemstone decking , Whose hands are the Halberd , antelope , var , and abhaya mudra , he who is happy , Sitting on a lotus flower mat , Gods around whom they stand and praise , Those who wear tiger skin , is the originator of the universe and annihilates all fears , Those who have five faces and three eyes , We meditate on Such Maheshwar daily .
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