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गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

Shivratri 2020: पुराणों में महाशिवरात्रि

Shivratri 2020: पुराणों में महाशिवरात्रि।

 (Maha Shivratri) का सर्वाधिक महत्‍व बताया गया है. हिन्‍दू मान्‍यताओं में साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) सनातन धर्म का प्रमुख त्‍योहार है। आदि देव महादेव के भक्‍त साल भर इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं।
मान्‍यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र, बेर और भांग चढ़ाने से भक्‍त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और उसे महादेव की विशेष कृपा मिलती है।
 वैसे तो हर महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन शिवरात्रि (Shivratri) आती है, लेकिन फाल्‍गुन मास की कृष्‍ण चतुर्दशी के दिन आने वाली शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है।

 पुराणों में महाशिवरात्रि का सर्वाधिक महत्‍व बताया गया है।

 सनातन मान्‍यताओं में साल में आने वाली 12 शिवरात्रियों में से महाशिवरात्रि सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है। आपको बता दें कि इस बार 21 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाई जा रही है।

महाशिवरात्रि की तिथि और शुभ मुहूर्त 

महाशिवरात्रि की तिथि: 21 फरवरी 2020

चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 21 फरवरी 2020 को शाम 5 बजकर 20 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्‍त:  22 फरवरी 2020 को शाम 7 बजकर 2 मिनट तक 
रात्रि प्रहर की पूजा का समय: 21 फरवरी 2020 को शाम 6 बजकर 41 मिनट से रात 12 बजकर 52 मिनट तक 

क्‍यों मनाई जाती है महाशिवरात्रि?

अब सवाल उठता है कि आखिर महाशिवरात्रि क्‍यों मनाई जाती?

दरअसल, महाशिवरात्रि मनाए जाने को लेकर कई मान्‍यताएं प्रचलित हैं। शिवरात्रि मनाए जाने को लेकर तीन मान्‍यताएं जो सर्वाधिक प्रचलित हैं वो इस प्रकार हैं:-

- एक पौराणिक मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही शिव जी पहली बार प्रकट हुए थे। मान्‍यता है कि शिव जी अग्नि ज्‍योर्तिलिंग के रूप में प्रकट हु थे, जिसका न आदि था और न ही अंत। कहते हैं कि इस शिवलिंग के बारे में जानने के लिए सृष्टि के पालनकर्ता भगवान नारायण ने  उसके ऊपरी भाग तक जाने की कोशिश करने लगे, लेकिन उन्‍हें सफलता नहीं मिली। वहीं, सृष्टि के निर्माता भगवान ब्रह्मा ने भी  उस शिवलिंग का आधार ढूंढना शुरू किया लेकिन वो भी असफल रहे।

- एक अन्‍य पौराणिक मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन ही विभन्नि 64 जगहों पर शिवलिंग उत्‍पन्न हुए थे। हालांकि 64 में से केवल 12 ज्‍योर्तिलिंगों के बारे में जानकारी उपलब्‍ध।

 इन्‍हें 12 ज्‍योर्तिलिंग के नाम से जाना जाता है।

- तीसरी मान्‍यता के अनुसार महाशिवरात्रि की रात को ही भगवान शिव शंकर और माता शक्ति का विवाह संपन्न हुआ था।


पूजन सामग्री

महाशिवरात्रि के व्रत से एक दिन पहले ही पूजन सामग्री एकत्रित कर लें, जो इस प्रकार है: शमी के पत्ते, सुगंधित पुष्‍प, बेल पत्र, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, गाय का कच्चा दूध, गन्‍ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, गंगा जल, पवित्र जल, कपूर, धूप, दीप, रूई, चंदन, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, रोली, मौली, जनेऊ, पंच मिष्‍ठान, शिव व मां पार्वती की श्रृंगार की सामग्री, दक्षिणा, पूजा के बर्तन आदि।

महाशिवरात्रि की पूजन विधि 
- महाशिवरात्रि के दिन सुबह-सवेरे उठकर स्‍नान कर स्‍वच्‍छ वस्‍त्र धारण करें और व्रत का संकल्‍प लें।

- इसके बाद शिव मंदिर जाएं या घर के मंदिर में ही शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

- जल चढ़ाने के लिए सबसे पहले तांबे के एक लोटे में गंगाजल लें, अगर ज्‍यादा गंगाजल न हो तो सादे पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें मिलाएं।

- अब लोटे में चावल और सफेद चंदन मिलाएं और "ऊं नम: शिवाय" बोलते हुए शिवलिंग पर जल चढ़ाएं।

- जल चढ़ाने के बाद चावल, बेलपत्र, सुगंधित पुष्‍प, धतूरा, भांग, बेर, आम्र मंजरी, जौ की बालें, तुलसी दल, गाय का कच्‍चा दूध, गन्‍ने का रस, दही, शुद्ध देसी घी, शहद, पंच फल, पंच मेवा, पंच रस, इत्र, मौली, जनेऊ और पंच मिष्‍ठान एक-एक कर चढ़ाएं।

- अब शमी के पत्ते चढ़ाते हुए ये मंत्र बोलें:  अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च।
दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्।।

- शमी के पत्ते चढ़ाने के बाद शिवजी को धूप और दीपक दिखाएं।
- फिर कर्पूर से आरती कर प्रसाद बांटें।

- शिवरात्रि के दिन रात्रि जागरण करना फलदाई माना जाता है. 
- शिवरात्रि का पूजन 'निशीथ काल' में करना सर्वश्रेष्ठ रहता है।  रात्रि का आठवां मुहूर्त निशीथ काल कहलाता है हालांकि भक्त रात्रि के चारों प्रहरों में से किसी भी एक प्रहर में सच्‍ची श्रद्धा भाव से शिव पूजन कर सकते हैं।

पूजा का मंत्र 

महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण का पाठ और महामृत्युंजय मंत्र या शिव के पंचाक्षर मंत्र "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना चाहिए।

शिव शक्ति पेज की ओर से आप सभी को शिवरात्रि की शुभकामनाए।
  
।। हर हर महादेव जय माँ आदिशक्ति ।।

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